यहाँ विराजमान, श्रीसिद्धिविनायक का श्रीविग्रह – मुम्बई स्थित, विश्व प्रसिद्ध श्रीसिद्धिविनायक मन्दिर में प्रतिष्ठित श्रीविग्रह की प्रतिकृति है। चार भुजाओं वाले स्वरूप में, गणेश जी ऊपरी दाएँ हाथ में कमल, ऊपरी बाएँ हाथ में अंकुश, नीचे दाएँ हाथ में जपमाला तथा बाएँ हाथ में लड्डू भरा कटोरा धारण किये हुए हैं। उनके दोनों ओर, उनकी पत्नियाँ, ऋद्धि और सिद्धि खड़ी हैं, जो ज्ञान, धन, ऐश्वर्य, सफलता और मनोकामना पूर्ति की प्रतीक हैं। यह गणेश जी त्रिनेत्रधारी हैं। सर्पहार लिपटाए हुए हैं।
शश्रीसिद्धिविनायक का यह श्रीविग्रह, दो फुट चौड़े और ढाई फुट ऊँचे, काले शिलाखण्ड पर बना हुआ है।
गर्भगृह:-
कोठी की प्राचीन ठाकुरबाड़ी के मुख्य भाग को गर्भगृह का रूप दिया गया है। इसका आकार, लगभग 25'×10' है। इसके मध्य भाग में है लगभग 3' ऊँचाई वाला, 12'×5' आकार का मञ्च, जिस पर श्रीविग्रह प्रतिष्ठित है। मन्दिर प्रांगण में खड़े भक्तों को श्रीविग्रह के दर्शन, आराम से होते हैं। गर्भगृह के सम्मुख, लगभग 40'×50' प्रांगण है। इस प्रांगण के पश्चिमी छोर पर, श्रीसिद्धिविनायक के मुखोमुखी, छोटा सा हनुमान मन्दिर भी बनाया गया है, ठीक वैसे ही, जैसे मुम्बई के सिद्धिविनायक मन्दिर में है।